नईदिल्ली। भारतीय कंपनियों के परिचालन यानी दैनिक कामकाज से नकदी प्रवाह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि सूचीबद्ध कंपनियों की परिचालन गतिविधियों से शुद्ध नकदी प्रवाह वित्त वर्ष 2023-24 में 11.1 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। यह आंकड़ा साल 1990-91 के बाद पहली बार 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। एक साल पहले के मुकाबले इसमें 19.3 फीसदी की वृद्धि दिखती है। यह तब है जबकि कुछ कंपनियों ने अब तक अपने आंकड़े जारी नहीं किए हैं। पिछले साल सूचीबद्ध कंपनियों की परिचालन गतिविधियों से शुद्ध नकदी प्रवाह में सिर्फ 2.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। इस नकदी प्रवाह को कारोबार के प्रदर्शन का एक विश्वसनीय पैमाना माना जाता है।
ऊपर दिए गए आंकड़ों में वित्तीय क्षेत्र की फर्मों को छोड़कर 1,791 सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं। पिछले साल इसमें 3,680 कंपनियों के आंकड़े शामिल किए गए थे। कुछ कंपनियों ने अब तक नकदी प्रवाह के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है। आम तौर पर ये आंकड़े उनकी वार्षिक रिपोर्ट में शामिल होते हैं जो अगले वित्त वर्ष के मध्य में उपलब्ध हो जाते हैं।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के शोध प्रमुख पंकज पांडे के अनुसार, कच्चे माल की कीमतों में नरमी और अधिक मार्जिन से वित्त वर्ष 2024 में कंपनियों के परिचालन नकदी प्रवाह को रफ्तार मिली।
उन्होंने कहा, ‘निफ्टी कंपनियों के मामले में मार्जिन वित्त वर्ष 2024 में 19 फीसदी की दमदार ऊंचाई पर पहुंच गया।Ó परिचालन नकदी प्रवाह में वृद्धि मुख्य तौर पर बेहतर लाभप्रदता और कार्यशील पूंजी प्रबंधन में सुधार का नतीजा है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने सुझाव दिया कि हाल के दिनों में पूंजी बनी परिसंपत्तियों के बढ़ते मूल्यह्रास के बावजूद यह पूंजीगत खर्च में सुस्ती के अनुरूप है। उन्होंने कहा, ‘सूचीबद्ध निजी कंपनियों के मामले में पूंजीगत खर्च की रफ्तार सभी क्षेत्रों में सुस्त रही है।Ó उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में रिफाइनरी सहित चक्रीय क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन हालिया रुझान मिलाजुला है।
शोध विश्लेषक गौतम दुग्गड़ और देवन मिस्त्री द्वारा तैयार मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की जून 2024 की इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट के अनुसार, गैर-वित्तीय क्षेत्रों में तेल एवं गैस और वाहन क्षेत्र ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कॉरपोरेट लाभ को 5.2 फीसदी पर पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया जो 15 साल का उच्च स्तर है।
पांडे ने कहा कि तेल कंपनियों ने दो मामलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। तेल विपणन श्रेणी में लोक सभा चुनावों के समय कीमतों में की गई कटौती से पहले काफी कमाई हो रही थी।
नमूने में शामिल कंपनियों का कर पूर्व शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2024 में 27.4 फीसदी बढ़कर 9.9 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले इसमें 6.5 फीसदी की गिरावट आई थी। हालांकि लाभप्रदता और नकदी प्रवाह में वृद्धि कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित रही।
उदाहरण के लिए, रिफाइनरी के मामले में कर पूर्व मुनाफे में 1.1 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई जो एक साल पहले के मुकाबले दोगुनी है। इसके अलावा कर पूर्व मुनाफे में अच्छी वृद्धि वाले अन्य क्षेत्रों में सीमेंट (46.1 फीसदी), दवा (41.5 फीसदी) और सूचना प्रौद्योगिकी (9.1 फीसदी) शामिल हैं।
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