रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में लोककला ‘नाचा‘ के जनक माने जाने वाले स्वर्गीय दाऊ दुलार सिंह मंदराजी की 24 सितंबर को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने कहा है कि दाऊ मंदराजी ने ‘नाचा‘ को पुनर्जीवित करने और उसे बचाए रखने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने गांवों के लोक कलाकारों को संगठित कर ’नाचा’ को एक नये मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने नाचा को सामाजिक कुरीतियों के प्रति जनचेतना जगाने के माध्यम के रूप में बखूबी उपयोग किया।
श्री साय ने कहा कि दाऊ मंदराजी ने नाचा के जरिए छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को जीवंत रखा और उसे संरक्षित करने के लिए आजीवन लगे रहे। राज्य सरकार द्वारा कला के ऐसे सच्चे साधक के सम्मान और नाचा कला को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए लोक कला और शिल्प के क्षेत्र में दाऊ दुलार सिंह मंदराजी सम्मान दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ी लोककला के संरक्षण में दाऊ जी के अमूल्य योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। आज भी उनका व्यक्तित्व और कृतित्व नई पीढ़ी को प्रेरणा देता है।