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मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल, ग्रामीण अंचलो से लिए जायेंगे जनहितकारी निर्णय

by Bhupendra Sahu

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए राजधानी भोपाल से परे संभागीय और आंचलिक क्षेत्रों में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ कैबिनेट की बैठकें करने की पहल की है। मोहन सरकार की राजधानी के बाहर पहली कैबिनेट बैठक जनवरी 2024 को जबलपुर में हो चुकी है। इसी क्रम में अगली कैबिनेट दमोह जिले के सिंग्रामपुर में 5 अक्टूबर को होने जा रही है। जिला प्रशासन दमोह द्वारा सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक की तैयारियां पूर्ण कर ली हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती का योगदान ऐतिहासिक रहा है। दमोह जिले सिंग्रामपुर गाँव के नजदीक सिंगौरगढ़ का किला है। यह क्षेत्र रानी दुर्गावती की राजधानी के रूप में इतिहास में दर्ज है। वीरांगना दुर्गावती के 500 वीं जयंती पर उनके सम्मान में सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक करने का निर्णय लिया गया है। आगामी 5 अक्टूबर को राज्य मंत्री-मंडल के सभी सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी सिंग्रामपुर पहुंचेंगे, जहाँ प्रदेश के विकास लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिये जायेंगे।

लाड़ली बहना सम्मेलन भी होगा

ग्राम सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक साथ लाड़ली बहना सम्मेलन भी होगा। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश की लाड़ली बहना योजना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की हितग्राही बहनों के खाते में राशि का अंतरण करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा बहनों से संवाद भी किया जायेगा।

सिंग्रामपुर क्षेत्र का करेंगे भ्रमण

सिंग्रामपुर और उसके आस-पास स्थित ऐतिहासिक स्थलों का मंत्रि-परिषद के सदस्यों द्वारा भ्रमण भी किया जायेगा। इसमें रानी दुर्गावती के किले का अवलोकन, रानी मंदिर में पूजा-अर्चना और रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सहित सभी मंत्रीगण यहाँ पौध-रोपण भी करेंगे।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ. मोहन यादव ने सबसे पहले यह निर्णय लिया था कि प्रदेश में नागरिको की समस्याओं के निराकरण, सुशासन, विकास कार्यों और जन-कल्याणकारी काही योजनाओं के मैदानी क्रियान्वयन की संभागवार समीक्षा बैठकें होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पहली समीक्षा बैठक 17 दिसम्बर 2023 को उज्जैन मुख्यालय पर ली। इसी क्रम में अन्य संभागों में भी समीक्षा बैठकें ली जाकर मैदानी स्तर पर प्रशासनिक और योजनाओं के क्रियान्वन की स्थिति को आंका गया।

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