नई दिल्ली । देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई इस साल का सबसे बड़ा बैंक लोन लेने की योजना बना रहा है। भारतीय स्टेट बैंक 1.25 बिलियन डॉलर का कर्ज लेने की तैयारियों में जुटा हुआ, जो भारत के फाइनेंशियल सेक्टर का इस साल का सबसे बड़ा डॉलर-डिनॉमिनेटेड लोन होगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि सीटीबीसी बैंक, एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी और ताइपे फूबोन बैंक 5 साल के लोन की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसमें रिस्क-फ्री सिक्यॉर्ड ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट पर 92.5 बेसिस पॉइंट्स का इंटरेस्ट मार्जिन है।
गुजरात के गिफ्ट सिटी ब्रांच से होगा टांजैक्शन
मामले से परिचित लोगों ने बताया कि भारत का टॉप लेंडर देश के सबसे नए फाइनेंशियल सेंटर गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (त्रढ्ढस्नञ्ज ष्टद्बह्ल4) में अपनी ब्रांच के माध्यम से सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए सुविधा जुटा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बड़ी डील को अन्य फाइनेंशियर्स के साथ सिंडिकेट किया जा रहा है। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक ने इस मामले पर पूछे गए ब्लूमबर्ग के सवाल का जवाब नहीं दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक इस साल फॉरेन करेंसी डेट जुटाने में कई अन्य स्थानीय उधारकर्ताओं में शामिल हो गया है। नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों या तथाकथित शैडो बैंकों ने खासतौर पर लोकल लेवल पर सख्त नियमों के बीच डॉलर-डिनॉमिनेटेड सुविधाओं का तेजी से इस्तेमाल किया है।
भारतीय स्टेट बैंक ने जुलाई में भी लिया था 750 मिलियन डॉलर का कर्ज
चोलामंडलम इंवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी 300 मिलियन डॉलर की सिंडिकेटेड टर्म फैसिलिटी प्राप्त करने वाली लेटेस्ट भारत की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है। दूसरी ओर, लोकल फाइनेंशियर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सिडनी ब्रांच 125 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर ($81 मिलियन) के 3 साल के लोन की मार्केटिंग कर रही है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा 750 मिलियन डॉलर का उधार जुटा रहा है। बड़ी कंपनियों द्वारा उधार न लिए जाने की वजह से इस साल भारत का डॉलर लोन वॉल्यूम 27त्न घटकर 14.2 बिलियन डॉलर रह गया है। जुलाई में, स्टेट बैंक ने 750 मिलियन डॉलर का 3 साल का लोन लिया था।
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