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CM साय की अध्यक्षता में कैबिनेट ले लिए अहम निर्णय… सरेंडर नक्सलियों के लिए छत्तीसगढ़ में नई नीति को मंजूरी, शिक्षा सुरक्षा के साथ आर्थिक सहायता पर जोर

by Bhupendra Sahu

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को अब और भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। बुधवार रात को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में नक्सलवाद से तौबा कर आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई है। नई नीति से आत्मसमर्पित नक्सलियों को आर्थिक सहायता के साथ शिक्षा व सुरक्षा की गारंटी भी मिलेगी। इसके साथ ही साय कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू के माध्यम से जांच कराने का निर्णय लिया है।

बता दें बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। साय कैबिनेट ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण-पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। साय सरकार का मानना है कि नई नीति से सरेंडर करने के बाद नक्सलियों के जीवन में सुधार होगा। नई नीति हिंसा का रास्ता चुन चुके नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करेगी।

ईओडब्ल्यू करेगी भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच
मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग में भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय किया गया। सीएम साय ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस मामले को बुधवार को विधानसभा में उठाया था और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी थी। मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को फिल्म छावा को राज्य में टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी। मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में फिल्म छावा के प्रदर्शन पर प्रवेश के लिए देय राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया।

शुरू होगी मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में सुशासन और नीति क्रियान्वयन को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना आईआईएम रायपुर और ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउण्डेशन नई दिल्ली के सहयोग से सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। यह योजना छत्तीसगढ़ के मूल निवासी युवाओं के लिए होगी। इस कार्यक्रम को सुफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले फेलो को आईआईएम रायपुर द्वारा एमबीए के डिग्री प्रदान की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर चयनित फेलो को दो वर्ष की कुछ अवधि में आईआईएम रायपुर में शैक्षणिक सत्र में शामिल होना होगा तथा शेष अवधि में जिला/विभाग में राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रम हेतु कार्य करके जिला/विभाग को सहयोग प्रदान करना होगा। इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा साथ ही फेलो को प्रति माह स्टाईपेंड भी प्रदान किया जाएगा।

राज्य जल सूचना केन्द्र का होगा गठन
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र (SWIC) का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने की सहमति प्रदान की गई। स्टेट वाटर इंफॉर्मेशन सेंटर वर्षा, नदी और जलाशयों के स्तर, भूजल गुणवत्ता, गाद, नहरों में जल प्रवाह, फसल कवरेज, जलभृत मानचित्रण, भूमि और मिट्टी के डेटा सहित जल संसाधन संबंधी विभिन्न सूचनाओं का संग्रह, विश्लेषण और भंडारण करेगा। छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025 विधानसभा के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

9 बांधों के सुधार कार्यों के लिए 522 करोड़ का निर्णय
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के जल संसाधन विभाग के 9 बांधों के सुधार कार्यों के लिए 522.22 करोड़ रुपए भारत सरकार के माध्यम से ऋण स्वीकृति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। इनमें मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दुधावा, किंकारी, सोंढूर, मूरूमसिल्ली (भाग-2), रविशंकर सागर परियोजना (भाग-2), न्यूज रूद्री बैराज और पेण्ड्रावन टैंक शामिल हैं। एसडब्ल्यूआईसी, एनडब्ल्यूआइसी द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफार्म की सहायता से जल संसाधन प्रबंधन के लिए प्रमाणिक डेटा उपलब्ध कराएगा। इससे नीति निर्माण, रणनीतिक निर्णय, मॉडलिंग, विश्लेषणात्मक उपकरणों के विकास और जल प्रबंधन को मजबूती मिलेगी। छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

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