नई दिल्ली | पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। भारत ने भी दो टीकों के साथ इस महामारी के खिलाफ अपनी निर्णायक लड़ाई तेज कर दी है। मगर इस संकट के घड़ी में भी भारत अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए पीछे नहीं हटा है। भारत अपने पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस को कोरोना वैक्सीन की 10 मिलियन यानी 1 करोड़ खुराक दान कर सकता है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है, जिसके बाद 16 जनवरी से भारत में टीकाकरण अभियान चल रहा है।
सरकार की योजनाओं से अवगत तीन लोगों ने कहा कि भारत उन देशों को कोरोना टीकों की लगभग 10 मिलियन (1 करोड़) खुराक का दान करने पर विचार कर रहा है, जिनके साथ उसके मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। देश में अपने हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए वैक्सीन की जरूरतों के बावजूद भी भारत डिप्लोमेटिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए इस पर विचार कर रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर उनमें से एक अधिकारी ने कहा कि भारत सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की करीब 10 मिलियन खुराक अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, लंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स जैसे देशों को दान कर सकता है। बता दें कि भारत पड़ोसी देशों की मदद कर न सिर्फ मानवता धर्म निभा रहा है, बल्कि अपनी डिप्लोमेसी को भी एक नया आयाम दे रहा है।
भूटाने के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने ऐलान किया कि भारत सरकार ने उन्हें कोरोना की वैक्सीन फ्री में देगी। इसके अलावा, 20 जनवरी को बांग्लादेश को भी भारत की तरफ से कोरोना कोविशील्ड की 2 मिलियन डोज बतौर गिफ्ट मिलेगी। इतना ही नहीं, नेपाल को भी भारत सरकार फ्री में कोरोना वैक्सीन देगी। इस तरह से चीन की वैक्सीन डिप्लोमेसी के खिलाफ भारत ने बहुत लंबी लकीर खींच दी है, जिसका असर पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर भी दिखेगा।