नयी दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने विमानन क्षेत्र की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और उन्हें सुलझाने के लिए तीन सलाहकार समूहों का गठन किया है। बुधवार को मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक इन समूहों में विमानन कंपनियां, हवाईअड्डा संचालक, मालवाहक विमान, ‘ग्राउंड हैंडलिंग’ कंपनियां, उड़ान का प्रशिक्षण देने वाले संगठन (एफटीओ) और रखरखाव एवं मरम्मत करने वाली कंपनियां (एमआरओ) शामिल हैं। कोरोना वायरस महामारी की अप्रैल और मई में आई दूसरी लहर से भारत और उसका विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
विमानन क्षेत्र के कई हितधारकों की वित्तीय स्थिति इस समय अच्छी नहीं हैं। मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में नागर विमानन मंत्रालय ने तीन सलाहकार समूह बनाए हैं जिनमें विमानन कंपनियां, विमान संचालक और एमआरओ, मालवाहक विमान, एफटीओ और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियां शामिल हैं।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘समूह मामलों पर विचार-विमर्श करने और प्रत्येक क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियां हल करने के लिए नियमित बैठक करेंगे। इसके लिए आदेश जारी किए गए हैं।’’
बयान के मुताबिक पहले सलाहकार समूह में भारत की अहम सभी विमानन कंपनियों- एयर इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंधन निदेशक राजीव बंसल, इंडिगो के अध्यक्ष राहुल भाटिया, स्पाइसजेट के अध्यक्ष अजय सिंह, गो फर्स्ट के निदेशक नेस वाडिया, विस्तार के अध्यक्ष भास्कर भट, एयर एशिया इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील भास्करण, एलायंस एयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए डी सिंह- को शामिल किया गया है।
नागर विमानन मंत्रालय द्वारा 20 जुलाई को जारी आदेश के मुताबिक पहला समूह सरकार को विमानन कंपनियों की व्यवहार्यता की रक्षा, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संपर्क बढ़ाने, यात्री और कार्गो सेवा को प्रोत्साहित करने, उड्डयन क्षेत्र में मानव श्रम कुशलता और भारत को यात्री सेवा, कार्गो और एमआरओ सेवा के केंद्र के रूप में विकसित करने पर सलाह देगा।
दूसरे समूह में प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों के परिचालकों- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव कुमार, जीएमआर समूह के कारोबार प्रमुख जीबीएस राजू, अडानी समूह के उपाध्यक्ष जीत अड़ानी और बेंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरी के मरार- को शामिल किया गया है। नागर विमानन मंत्रालय के अन्य आदेश में कहा गया है कि दूसरा समूह सरकार को हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने, आधारभूत संरचना को मजबूत करने और आधुनिकीकरण करने, हवाई अड्डे पर यात्री एवं सुविधाए बढ़ाने और हवाई अड्डों से जुड़े नियामकीय विषयों पर सलाह देगा।
बयान के मुताबिक तीसरे सलाहकार समूह में चार- एमारओ, जमीनी परिचालन, कार्गो और एफटीओ-उप समूह हैं। प्रत्येक उप समूह में संबंधित उद्योग के चार कार्यकारी बतौर सदस्य शामिल होंगे और संबंधित क्षेत्र के बारे में परामर्श देंगे। लॉकडाउन के कारण पिछले साल 25 मार्च से 24 मई के बीच भारत में घरेलू विमान सेवा को लगभग दो महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। जून 2020 से घरेलू विमानन सेवा पटरी पर लौट रही थी, लेकिन इस साल अप्रैल और मई में महामारी की दूसरी लहर ने देश में विमानन क्षेत्र को फिर नुकसान पहुंचाया।