नयी दिल्ली। असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच स्थिति को संभालने के लिए सीआरपीएफ की 4 अतिरिक्त कंपनियों को भेजा गया है। आपको बता दें कि तनावग्रस्त इलाके में सीआरपीएफ की दो कंपनियां पहले से तैनात हैं। ऐसे में उनकी सहायता के लिए 4 और कंपनियों को भेजा गया है। इसी संबंध में सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह का बयान सामने आया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि बीते दिन असम-मिजोरम सीमा पर तनाव बढ़ गया। लैलापुर गांव के पास मिजोरम पुलिस और असम पुलिस के विवादित सीमा क्षेत्र में दोनों बल अपने-अपने क्षेत्र के कब्जे को अवैध बोलकर आपस में भिड़ गए। तनाव उस वक़्त चरम पर पहुंच गया जब दोनों पुलिस बलों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू की।
उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के हस्तक्षेप के बाद हिंसा को नियंत्रित किया गया। इस घटना में असम पुलिस के 5 कर्मियों की मौत हुई है और कछार के पुलिस अधीक्षक सहित 50 से ज़्यादा लोगों के जख्मी बताए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि असम पुलिस विवादित क्षेत्र से पीछे हट गई है लेकिन मिजोरम पुलिस अभी नजदीकी ऊंचाईयों और अपनी अस्थायी पोस्ट पर कब्ज़ा बनाए हुए है।
उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ की अतिरिक्त 4 कंपनियों को विवादित क्षेत्र पर निष्पक्ष बल के तौर पर नियंत्रण करने के लिए रवाना कर दिया गया है, 2 कंपनियां पहले से मौजूद थीं। गौरतलब है कि हिंसा के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच में ट्विटर युद्ध शुरू हो गया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा से बात की है और उनकी पुलिस शांति बनाए रखेगी।
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वहीं, दूसरी तरफ जोरामथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए। जबकि असम की पुलिस ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में ‘बदमाशों’ ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमला किया। विवाद को बढ़ता देख गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात की और विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया।