भिलाई । रावघाट के बफर जोन क्षेत्र में अस्पतालों, डॉक्टरों और अन्य पैरामेडिकल सुविधाओं की तथा स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने इस कमी को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में निर्बाध व निःषुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए रामकृष्ण मिशन आश्रम के साथ सहयोग कर रहा है। उल्लेखनीय है कि 1985 में स्थापित, रामकृष्ण मिशन आश्रम अबुझमाड़ के जंगलों में एक बड़े क्षेत्र में फैले आदिवासी आबादी की सेवा कर रहा है। विदित हो कि अपने इस निर्णय को फलीभूत करने हेतु सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट खनन परियोजना क्षेत्र के आसपास के 22 बफर जोन के गांवों में बसे आबादी को निर्बाध व निषुल्क मोबाइल चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए 25 मार्च 2021 को सेल-भिलाई स्टील प्लांट और रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सेल-भिलाई स्टील प्लांट और रामकृष्ण मिशन आश्रम के बीच 15 वर्षों के लिए हस्ताक्षरित एमओयू के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 से रावघाट माइंस के बफर जोन के गांवों में मुफ्त और निर्बाध चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। इस समझौते के अनुरूप दिनांक 2 अप्रेल, 2021 को बिंजली गाँव से प्रथम मोबाईल डिस्पेंसरी यूनिट का शुभारम्भ किया गया था।
इसी क्रम मंे सितम्बर, 2021 में मुख्य महाप्रबंधक (माइन्स रावघाट), समीर स्वरूप ने रामकृष्ण मिषन आश्रम, नारायणपुर के सचिव श्रीमत स्वामी व्याप्तानंद जी के साथ भिलाई स्टील प्लांट के सहयोग से संचालित “मोबाइल डिस्पेंसरी-सह-एम्बुलेंस” का लोकार्पण व अवलोकन किया। यह सुविधा बीएसपी के सहयोग से रामकृष्ण मिषन आश्रम, नारायणपुर के माध्यम से रावघाट निवासियों को प्रदत्त की जा रही है।
बीएसपी के रावघाट परियोजना के तहत बफर जोन के 22 गांवों के लोगों तक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु तहत सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के आर्थिक सहयोग से रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर द्वारा मोबाईल डिस्पेंसरी यूनिट संचालित किया जा रहा हैं। इस मोबाईल डिस्पेंसरी यूनिट तथा “मोबाइल डिस्पेंसरी-सह-एम्बुलेंस” से इस क्षेत्र के 22 गांव के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इसके तहत अप्रेल, 2021 तक 2769 मरीजों का इलाज किया जा चुका है तथा 357 मरीजों का पैथालाॅजी टेस्ट किया गया है। इनमंे से आगे के इलाज हेतु 94 मरीजों को रामकृष्ण मिषन हाॅस्पिटल रिफर किया गया है। इस सुविधा का नारायणपुर जिले के 521 पुरूषों तथा 565 महिलाओं, 217 बच्चों तथा कांकेर जिले के 718 पुरूषों तथा 516 महिलाओं, 232 बच्चों ने लाभ उठाया है। इसके साथ ही गंभीर मरीजों का बीएसपी के जेएलएन अस्पताल में निःषुल्क इलाज करने का प्रावधान है।
बफर जोन के 22 गांवों में नारायणपुर जिले के 12 गाँव शामिल हैं, जिनमें प्रमुख है- बिंजली, खडकागाँव, केरलापाल, खैराभाट, खोडगाँव, अंजरेल, परलभाट, सूपगाँव, भरंडा, टेमुरगाँव, कन्हेरा एवं गुरिया। कांकेर जिले के 10 गाँव शामिल हैं, जिनमें प्रमुख है-कोलर, मंगतासलेभाट, फूलपाड़, भैसगाँव, आतुरबेड़ा, गोटिया, सर्गीपाल, कुम्हारी, पदरगाँव एवं तालाबेड़ा आदि। इन 22 गांवों में अप्रेल माह में 398, मई में 525, जुन में 539, जुलाई में 576 तथा अगस्त, 2021 में 731 मरीजों का इलाज किया गया।
ज्ञात हो कि विभिन्न चरणों में वानिकी और पर्यावरण मंजूरी के बाद, खनन पट्टे को 2009 में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र को प्रदान किया गया था। सेल-बीएसपी इस क्षेत्र की आबादी के लिए विभिन्न सीएसआर गतिविधियों को बखूबी अंजाम दे रहा है। सेल-बीएसपी विशेष रूप से 22 बफर जोन गाँवों में रहने वाले निवासियों को शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर रहा है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने वर्ष 2007 से प्रारम्भ अपने सीएसआर गतिविधियों के तहत विगत 14 वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया है। जिसने इन वनवासियों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफल हुआ है इन कार्यांे में प्रमुख है इस्पात डीएवी इंग्लिष मीडियम स्कूल का संचालन। प्रतिवर्ष इस क्षेत्र के 20 आदिवासी बालिकाओं को निःषुल्क बीएससी नर्सिंग की षिक्षा। इसके साथ ही इस क्षेत्र को रेल सुविधाओं से जोड़ने हेतु बिछाये जाने वाले टैªक के कारण विस्थापित परिवारों के 125 लोगों को आईटीआई का निःषुल्क प्रषिक्षण देकर भिलाई इस्पात संयंत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया।——————–