नारायणपुर । कोरोना संकट काल में बस्तर अंचल के अबूझमाड़ और ओरछा जैसे दुर्गम और वन क्षेत्रों में बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखना एक चुनौती थी। यहां न तो इंटरनेट और न ही अन्य किसी माध्यम से पढ़ाई संभव थी। ऐसी स्थिति में आश्रम शाला बेड़मा के सहायक शिक्षक श्री हेमंत बाम्बोड़े नई-नई शिक्षण सामग्री तैयार कर रोचक अंदाज में बच्चों की पढ़ाई कराई। शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितम्बर को नवाचारी शिक्षकों के कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी ‘शिक्षा मंड़ई‘ का आयोजन किया गया। शिक्षा मंड़ई कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और अतिथियों द्वारा मोहल्ला कक्षा और लाउडस्पीकर कक्षा, बच्चों द्वारा खेले जा रहे विभिन्न स्थानीय खेल, विज्ञान-रसायन-भौतिक प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास-जुगाड़ स्टूडियो, सहायक सामग्री, आमाराईट एवं पपेट शो, पुस्तकालय का अवलोकन किया। जिसमें नारायणपुर जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे आश्रम शाला बेड़मा के सहायक शिक्षक श्री हेमंत बाम्बोड़े नई-नई शिक्षण सामग्री तैयार कर रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया, जिसे अतिथियों ने खूब सराहा।
सहायक शिक्षक श्री हेमंत बाम्बोड़े ने अतिथियों को जानकारी देते हुए बताया कि उनके आश्रम शाला में विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चे अध्ययनरत हैं। इन बच्चों को रोचक अंदाज में शिक्षा देने के लिए उन्होंने कई सहायक शिक्षण सामग्री तैयार की, जिससे ये बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर सकें। उन्होंने बताया कि गणितीय स्थानीय मान बॉक्स, यातायात संकेतक, भारतीय मुद्रा से स्थानीय मान की समझ, हांसिल जोड़ चार्ट, घटाव चार्ट, गुणा का बॉक्स, गुणा चार्ट, भाग चार्ट समय मिनट, कैलेंडर, गणितीय चिन्हों का संकेत साथ ही हिंदी वर्णों का बारहखड़ी मात्रा बॉक्स व मिलान अंग्रेजी अल्फाबेट उच्चारण, अंग्रेजी मैजिक बॉक्स, सामान्य ज्ञान इत्यादि शिक्षण सहायक सामग्री तैयार की। इन शिक्षण सामग्रियों के जरिए अध्यापन से बच्चों को सीखने और समझने की प्रक्रिया आसान हुई। बच्चों की समझ और उनके कौशल में बढ़ोत्तरी हुई।