नयी दिल्ली । आयकर विभाग ने पूरे पंजाब और हरियाणा के कई परिसरों को कवर करते हुए तीन प्रमुख कमीशन एजेंट समूहों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया जिसमें अब तक इन समूहों में कुल १.७० करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और १.५० करोड़ रुपये के मूल्य के बेहिसाबी आभूषणों के साथ ही१.५० करोड़ रुपये के मूल्य का बेहिसाबी आटा भी पाया गया है। ये समूह कमीशन एजेंटों के व्यवसाय के अतिरिक्त स्टील रोलिंग मिल, कोल्ड स्टोरेज, जनरल मिल्स, आभूषण की दुकान, पोल्ट्री, चावल मिलों, तेल मिलों, आटा मिल के व्यवसायों से भी जुड़े हैं। आयकर विभाग ने आज यहां बताया कि गत आठ सितंबर को की गयी तलाशी कार्रवाई से यह भी पता चला कि ये समूह अपनी व्यवसाय प्राप्तियों को छुपा रहे हैं और व्यय को बढ़ा-चढ़ा कर प्रदर्शित कर रहे हैं। वे नकदी में प्राप्त तथा भुगतान की गई राशियों का भी कोई हिसाब नहीं रखते। इसके अतिरिक्त, नकदी तरीके से अचल संपत्तियों के भुगतान से संबंधित कुछ दस्तावेज भी प्राप्त और जब्त किए गए हैं। एक समूह में ऐसा पाया गया है कि फलों की खरीद तुड़ाई की अवधि के दौरान कम लागत पर की गई है जबकि बिक्री कोल्ड स्टोरेज में वस्तुओं को भंडारित करने के बाद बहुत ऊंची कीमत पर की गई है। अन्य समूहों में भी इसी तरह काम करने के तौर तरीके पाए गए हैं।
लड्डू लिपि में बही खाते (कच्चा खाता बही) पाए गए हैं जो करोड़ों रुपये की विशाल बेनामी संपत्ति को प्रदर्शित करते हैं। एक विशेषज्ञ की सहायता से इन खाता बहियों की व्याख्या की जा रही है। कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बही खातों के समानांतर सेट भी पाए गए हैं जो वार्षिक आधार पर करोड़ोंरुपये की सकल व्यावसायिक प्राप्तियों का छुपाया जाना प्रदर्शित करता है।
ऐसा पाया गया है कि किसानों को कुल मिला कर करोड़ों रुपये तक की नकदी अग्रिम रूप से दी गई है और उन पर १.५ प्रतिशत से लेकर ३ प्रतिशत तक की मासिक ब्याज दर वसूली जा रही है। ब्याज की प्राप्ति नकदी में की जाती है और उन्हें बही खातों में प्रदर्शित नहीं किया जाता। ९ करोड़ रुपये के बराबर से अधिक के पोल्ट्री व्यवसाय तथा राइस शेलर से संबंधित नकदी खरीद और बिक्री का पता चला है। जालंधर में स्थित एक परिसर से १.२९ करोड़ रुपये की बेनामी खरीद पाई गई है। बेनामी बिक्री के विवरण भी पाए गए हैं।
कर्मचारियों के नाम पर दो संदिग्ध कंपनियों का भी पता चला है जिनका टर्नओवर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये का है। एक प्रतिष्ठान में, मुख्य कर निर्धारिती (ऐसेसी) ने स्वीकार किया है कि कई वर्षों से करोड़ों रुपये का भुगतान आय कर अधिनियम, १९६१ के खंड ४०ए(३) का उल्लंघन करने के द्वारा किया गया है जिसे बही खाते में भुगतान को विभाजित करने के बाद उसके ही लेखांकन के द्वारा किया गया है।
स्टील रोलिंग मिल्स में, परिष्कृत वस्तुओं के भंडार में असमानता पाई गई है और कच्चे माल (स्क्रैप) की पड़ताल का काम प्रगति पर है। अभी तक २५ लाख रुपये से अधिक की परिष्कृत वस्तुओं के बेनामी स्टॉक का हिसाब लगाया गया है। अचल संपत्तियों में ३.४० करोड़ रुपये तक के बेनामी निवेश का पता लगाया जा चुका है तथा तलाशी के दौरान कवर की गई संपत्तियों के मालिकों द्वारा इसे स्वीकार भी कर लिया गया है। कुछ परिसरों में पाए गए डिजिटल साक्ष्यों को जब्त कर लिया गया है जिसके विश्लेषण का कार्य प्रगति पर है। तलाशी दल को एक समूह के परिवार के सदस्यों को ब्याज मुक्त ऋण/अग्रिम के रूप में बिजनेस फंड परिवर्तित किए जाने का भी पता चला है।