नयी दिल्ली । देश में लोहा, कोयला, बिजली सहित आठ प्रमुख उद्योगों के संयुक्त उत्पादन सितंबर 2022 में सालाना आधार पर 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इन उद्योगों में उत्पादन के प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि सितंबर 2022 में सीमेंट, कोयला, उर्वरक, बिजली, स्टील और रिफाइनरी उत्पाद उद्योगों का उत्पादन एक साल पहले इसी माह की तुलना में ऊंचा रहा। इस दौरान कच्चे तेल और गैर के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गयी। इन आठ प्रमुख उद्योगों का देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 40.27 प्रतिशत योगदान है। बयान में कहा, जून 2022 के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की वृद्धि दर अंतिम आंकड़ों के आधार पर संशोधित कर पहले प्रारंभिक आंकड़ों पर आधारित 12.7 प्रतिशत की जगह 13.1 प्रतिशत कर दिया है।
देश में पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2022-23) के दौरान बुनियादी उद्योगों की संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.6 प्रतिशत रही।
सितंबर 2022 में कोयला उत्पादन में पिछले साल की इसी माह की तुलना में 12.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई । इस वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर 2022 की अवधि में कोयला उत्पादन सालाना आधार पर 21.0 प्रतिशत ऊंचा रहा।
कच्चे तेल का उत्पादन सितंबर, 2022 में एक साल पहले से 2.3 प्रतिशत कम रहा। इसी तरह अप्रैल से सितंबर 2022-23 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कच्चे तेल का उत्पादन 1.3 प्रतिशत कम रहा।
प्राकृतिक गैस का उत्पादन इस दौरान 1.7 प्रतिशत कम रहा। पहली छमाही के दौरान प्राकृतिक गैस का उत्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.8 प्रतिशत बढ़ा है।
पेट्रोलियम रिफाइनरी उद्योग ने इस बार सितंबर में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि अप्रैल- सितंबर 2022 में इस क्षेत्र की वृद्धि 10.1 प्रतिशत रही।
उर्वरक का उत्पादन सितंबर 2021 की तुलना में 11.8 प्रतिशत अप्रैल-सितंबर की अवधि में 11.5 प्रतिशत बढ़ा।
इस्पात उत्पादन में इस साल सितंबर में 6.7 प्रतिशत तथा अप्रैल से सितंबर में संचयी रूप से 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
सीमेंट उद्योग ने सितंबर 2022 में सालाना आधार पर 12.1 प्रतिशत और अप्रैल से सितंबर 2022-23 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शायी है।
सितंबर 2022 में बिजली उत्पादन एक साल पहले इसी माह से 11.0 प्रतिशत ऊंचा रहा, जबकि संचयी तौर पर अप्रैल से सितंबर की अवधि का बिजली उत्पादन का सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10.7 प्रतिशत ऊंचा रहा।
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