रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रात राजनांदगांव के डोंगरगांव में विभिन्न समाज प्रमुखों से भेंट-मुलाकात की। उन्होंने विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों द्वारा सामाजिक भवन के लिए राशि की स्वीकृति प्रदान की। सामाजिक भवन हेतु भूमि उपलब्ध कराने के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने समाज प्रमुखों को कलेक्टर को आवेदन करने कहा। उन्होंने बताया कि भूमि के मूल्य की 10 प्रतिशत राशि जमा करने पर विभिन्न समाजों को भूमि का आबंटन किया जा रहा हैं।
भेंट-मुलाकात के दौरान चन्द्रवंशी आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को सामाजिक भवन के लिए कलेक्टर को आवेदन देने कहा। हल्बा समाज की ओर से श्री वीरेन्द्र मसीह ने गोडलवाही में एक सामुदायिक भवन की माँग की साथ ही एक कॉलेज की माँग की। इस पर मुख्यमंत्री ने पीपीपी मॉडल पर कॉलेज संचालन को लेकर हाल में जारी नियम का उल्लेख करते हुए समाज को उन प्रावधानों के तहत कॉलेज संचालन का सुझाव दिया। इस पर ज़िला कलेक्टर को भी कार्यवाही आगे बढ़ाने के निर्देश उन्होंने दिए। मुख्यमंत्री ने समाज के लिए सामुदायिक भवन की स्वीकृति देते हुए 10 लाख रूपए की स्वीकृति की घोषणा की। डोंगरगांव में सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि ने सामुदायिक भवन की माँग की। मुख्यमंत्री ने आवेदन देने कहा।
माहेश्वरी समाज की ओर से श्री गोपाल टावरी ने समाज के लिए ज़मीन की माँग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7500 वर्गफुट तक जमीन कलेक्टर के अनुमोदन से और अधिक ज़मीन मंत्रालय के अनुमोदन से स्वीकृति की की जाती है, जिसे भूमि के मूल्य की 10 प्रतिशत राशि जमा कर प्राप्त किया जा सकता है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने सेन समाज के लिए बिलहारी एवं मुरमुंदा में सामाजिक भवन के लिए 10-10 लाख रूपए की स्वीकृति की घोषणा की। राजपूत समाज की ओर से बस स्टैंड चौक को महाराणा प्रताप के नाम पर करने की माँग पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्थानीय प्रशासन (नगरीय निकाय) से इसकी स्वीकृति कराने की बात कही। साहू समाज की ओर से प्रतिनिधि ने सिकलिंग को लेकर शिविर लगाने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सिकलिंग के त्वरित जाँच के लिए जल्द ही अत्याधुनिक मशीन उपलब्ध करायी जाएगी। साहू समाज के प्रतिनिधि की ओर से डोंगरगांव में सामुदायिक भवन में डोम निर्माण माँग की गई। इस पर मुख्यमंत्री ने ज़िला कलेक्टर को 20 लाख स्वीकृति का निर्देश दिया।