Home » मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा से चढ़ा सियासी पारा

मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा से चढ़ा सियासी पारा

by Bhupendra Sahu

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लगभग एक साल बाद है। इस चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में आने से सियासी पारा चढ़ गया है। दोनों ही राजनीतिक दल मैदान में न केवल सक्रिय नजर आ रहे हैं बल्कि उनका रुख आक्रामक भी हो चला है। राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे दोनों ही राजनीतिक दलों के सामने हैं। दोनों ही राजनीतिक दलों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था और उनमें अंतर महज पांच सीटों का ही था। 230 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को जहां 114 सीटें मिली थी, बहुमत से दो सीटें कम, तो वहीं भाजपा 109 पर आकर ठहर गई थी। यही कारण है कि अगले साल होने वाले चुनावों के मद्देनजर दोनों ही दल नई रणनीति पर काम कर रहे हैं।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा इन दिनों मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में है।
राहुल गांधी को राज्य में आते ही सरकार गिरने की याद आ गई। यही कारण है कि उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा पर हमला बोला और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर ही कह दिया कि, मध्य प्रदेश में चुनाव जीतकर हमारी सरकार बनी थी, मगर करोड़ों रुपए देकर 20-25 भ्रष्ट विधायकों को खरीद लिया और सरकार बना ली।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं और उन्हें देखने भी भीड़ उमड़ रही है, इससे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ उत्साहित हैं। उनका कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेश में जनता ने जिस तरह से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का उत्साह से स्वागत किया, उससे स्पष्ट है कि भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में नया इतिहास रचेगी।
वहीं दूसरी ओर भाजपा निमाड़-मालवा अंचल सहित आदिवासी इलाकों में जनजातीय गौरव यात्राएं निकाल रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा जनजातीय इलाकों में जा रहे हैं और उन्हें सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के लिए किए जा रहे काम के साथ पेसा कानून से होने वाले लाभ का भी ब्यौरा दे रहे हैं।
राहुल गांधी पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने तंज कसा और कहा कि, राहुल गांधी दूसरों पर जो आरोप लगा रहे हैं उससे पहले उन्हें अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए, इस बात का मंथन करना चाहिए कि कांग्रेस के लोग पार्टी छोड़कर आखिर क्यों जा रहे हैं। आज कांग्रेस एक परिवार तक सिमट कर रह गई है और सिर्फ एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है।
दूसरों पर आरोप लगाने से पहले राहुल गांधी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि गुलाम नबी आजाद हो कपिल सिब्बल जैसे लोगों ने कांग्रेस क्यों छोड़ दी? क्यों कांग्रेस में बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव निर्णायक रहने वाला है, इसे कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी स्वीकार कर चुके हैं। इस चुनाव की हार और जीत कांग्रेस के भविष्य का रास्ता तय करेगी इससे कोई भी इंकार नहीं कर सकता।
00

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More