नयी दिल्ली । भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह को लेकर छिड़े घमासान के बीच केन्द्र सरकार ने डब्लूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर को बीती देर शाम निलंबित कर दिया। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर तोमर के निलंबन की पुष्टि की। मंत्रालय ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, मंत्रालय ने विनोद तोमर की भूमिका सहित डब्ल्यूएफआई के कामकाज के बारे में रिपोर्टों पर ध्यान दिया है, और उसके पास यह मानने के लिये कारण हैं कि उनका (महासंघ में) होना इस उच्च प्राथमिकता वाले खेल के विकास के लिये हानिकारक होगा।
समझा जाता है कि निलंबन की यह कार्रवाई तोमर की बयानबाजी को लेकर की गयी है। तोमर ने शनिवार को कहा था कि वह बृजभूषण पर लगे यौन शोषण जैसे गंभीर आरोपों को पूरी तरह नकारते हैं।
उन्होंने कहा था, कुश्ती में पहलवानों का लगातार प्रमोशन हुआ है। हम कुश्ती को देश के लिये आगे बढ़ा रहे हैं। मुझे विरोध कर रहे पहलवानों की मंशा की जानकारी नहीं थी। यह स्तब्ध करने वाला था कि पहलवान धरना दे रहे थे।
तोमर डब्लूएफआई में 2002 में बतौर सहायक सचिव नियुक्त हुए थे। उन्हें डब्लूएफआई में अनुशासनहीनता का दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को सरकार के इस फैसले की जानकारी डब्लूएफआई को तत्काल देने को कहा गया है।
तोमर गोण्डा के नवाबगंज इलाके में स्थित नंदनीनगर मिनी स्टेडियम में चल रही राष्ट्रीय ओपन कुश्ती चैंपियनशिप में आये थे। उन्होंने कहा था कि खेल मंत्रालय के आदेश के बाद बृज भूषण ने स्वयं को अध्यक्ष पद से अलग कर लिया है, हालांकि वह रविवार को होने वाली महासंघ की बैठक में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा था, उनसे बैठक में न जाने के लिये बात करूंगा। हो सकता है बृजभूषण बैठक में न जायें। बृजभूषण को निलंबित नहीं किया गया है न ही उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने सिर्फ स्वयं को पद से दूर किया है।
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