Home » ‘सीखने की कोई उम्र नहीं होती’ – अरूण वोरा

‘सीखने की कोई उम्र नहीं होती’ – अरूण वोरा

by Bhupendra Sahu

रायपुर छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड द्वारा मदरसा शिक्षा के विकास हेतु आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के समापन सत्र में विधायक एवं अध्यक्ष छ.ग.राज्य वेयर हाऊस कार्पाेरेशन श्री अरूण वोरा ने प्रतिभागी मदरसा शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है जीवन भर हम सीखते हैं। आप लोग नई पीढ़ि को संवारने का काम कर रहे हैं, यह बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। श्री वोरा ने कहा कि आप लोगों ने दो दिनों में यहाँ कार्यशाला में आधुनिक शिक्षा के तहत शिक्षण की नवीन पद्धतियों और शिक्षण संबंधी अनेक पहलुओं को बारीकी से जाना है, निश्चित ही इसका लाभ मदरसों में अध्ययन-अध्यापन में मिलेगा।

कार्यशाला में उपाध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग श्री आर.एन.वर्मा, पूर्व साडा अध्यक्ष, श्री लक्ष्मण चंद्राकर, महापौर नगर निगम दुर्ग श्री धीरज बाकलीवाल, एम.आई.सी. सदस्य नगर निगम दुर्ग श्रीमती सत्यवती वर्मा, श्री राजीव वोरा और गया पटेल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए पूर्व साडा अध्यक्ष श्री लक्ष्मण चंद्राकर ने कहा कि इस बात को मानने से इंकार नहीं किया जाना चाहिए कि मदरसे भी शिक्षा का केन्द्र हैं। उन्होंने मदरसों में आधुनिक शिक्षा के विकास हेतु आयोजित कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु बोर्ड के अध्यक्ष श्री अलताफ अहमद को बधाई दी। कार्यशाला के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ मदरसा बोंर्ड के अध्यक्ष श्री अलताफ अहमद ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में सभी वर्ग के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किये हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा ऐसी नीति बनाई जाए जिससे मदरसों को राज्य शासन से ही सब कुछ मिले। उन्होंने मदरसा शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि इस संबंध में बहुत जल्द सकारात्मक परिणाम आने वाला है।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में राज्य शैक्षिक अंनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की सेवानिवृत्त प्राध्यापिका डॉ. विद्यावती चंद्राकर ने प्रतिभागी मदरसा शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक को जिज्ञासु बनना पड़ेगा, शिक्षकों को अपने विषय को जानने की भूख होनी चाहिए। मल्टी मीडिया, ई-लर्निंग का भी सहारा लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी विषय बोझिल नहीं है। ऐसा कोई विषय नहीं है जिसे पढ़ाने में किसी भी शिक्षक को परेशानी हो। कार्यशाला में उपस्थित मदरसा शिक्षकों ने भी अपने अनुभव साझा किए। छ.ग.मदरसा बोर्ड के सचिव डॉ. इम्तियाज़ अहमद अंसारी ने समस्त मदरसा शिक्षक-शिक्षिकाओं को मदरसा संचालन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। उन्होंने मदरसों में अभिलेखों के संधारण, राज्य शासन की योजनाओं एवं पठन-पाठन के बारे में विस्तृत चर्चा की।

सिंधु भवन, देवेन्द्र नगर, रायपुर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र में नगर निगम दुर्ग के एम. आई. सी.सदस्य श्री संजय कोहले,श्री भोला महोबिया, श्री अजय मिश्रा, श्री राजकुमार साहू, श्री महीप सिंह भुवाल, श्री राजकुमार पाली, श्री शंकर सिंह ठाकुर, श्री मंदीप सिंह भाटिया, श्री तौहीद खान, श्री मोहम्मद उस्मानी, श्री पाशी अली, श्री आरिफ रज़ा, श्री कमलेश नगारची, श्री शेख इस्माईल अहमद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यशाला का संचालन श्री सै.अनीस रज़ा ने किया। दो दिवसीय कार्यशाला के समापन पर राज्य के विभिन्न जिलों से आए पंजीकृत एवं मान्यता प्राप्त मदरसों के प्रतिभागी शिक्षक-शिक्षिकाओं को सहभागिता हेतु प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More