नई दिल्ली। एआईसीटीई देश भर मे एक दर्जन इनोवेशन सेंटर करेगी स्थापित करें, चेयरमैन टी.जी. सीताराम ने कहा कि शनमुघा कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान अकादमी डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी पर 37वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रोफेसर सीताराम ने कहा कि सिखाने के पारंपरिक तरीके को एक नई दिशा देने का समय आ गया है। तेजी से बदलती दुनिया में जीवन और महत्वपूर्ण विचारशीलता की आवश्यकता है। हालांकि छात्रों को अपना कोर्स चुनने की स्वतंत्रता है, उन्हें अपने शिक्षा के समय प्रौद्योगिकी और अवधारणाओं का हाथ में अनुभव होना चाहिए, ताकि वे नौकरी पाने के योग्य मानव संसाधन बन सकें।
उन्हें विषयों के प्रति योग्यता और जानकारी विकसित करनी चाहिए, उन्होंने कहा, इसके अलावा, 2020 के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (हृश्वक्क) इसी दिशा में विकसित हुई थी। प्रोफेसर सीताराम ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार राष्ट्र की प्रगति को निर्धारित करते हैं, और उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया की अपने पेशेवर करियर में ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए सही दृष्टिकोण और मूल्यों को विकसित करने की आवश्यकता है। मातृभाषा में शिक्षा की आवश्यकता को जोर देते हुए, ्रढ्ढष्टञ्जश्व चेयरमैन ने कहा कि अंग्रेजी के अलावा परिषद 13 भाषाओं में पाठ्यक्रम सामग्री प्रकाशित कर चुकी है । दीक्षांत समारोह में 4,000 से अधिक छात्रों ने अपनी डिग्री प्राप्त की, जिसकी अध्यक्षता चांसलर आर. सेथुरमन ने की और वाइस चांसलर एस. वैधसुब्रमण्यम भी इस मौके पर उपस्थित थे।
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