नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह को वैश्विक निवेश बैंक और वित्तीय सेवा फर्म क्रेडिट सुइस को अगले छह महीने की अवधि के लिए हर महीने 10 लाख डॉलर का भुगतान करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि प्रति माह पांच लाख डॉलर के नियमित भुगतान के अलावा, एयरलाइन छह किस्तों में 30 लाख डॉलर का बकाया भी चुकाएगी। इस प्रकार क्रेडिट सुइस को हर महीने 10 लाख डॉलर का प्रभावी हस्तांतरण किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि वह अनुपालन की निगरानी के उद्देश्य से 20 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगी। उसने अगली सुनवाई पर अजय सिंह और कंपनी सचिव चंदन सैंड को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट नहीं दी।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में सिंह ने स्पाइसजेट द्वारा सहमति शर्तों के तहत अपने दायित्वों को समय पर पूरा नहीं कर पाने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है।
स्पाइसजेट ने पिछले सप्ताह कहा था कि उसने क्रेडिट सुइस को 15 लाख डॉलर हस्तांतरित करके शीर्ष अदालत के निर्देश का अनुपालन किया है।
इससे पहले 11 सितंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वैश्विक निवेश बैंक और वित्तीय सेवा फर्म को बकाया भुगतान करने में चूक के लिए कंपनी के सीएमडी को कड़ी चेतावनी जारी की थी।
स्पाइसजेट द्वारा क्रेडिट सुइस को हर महीने पांच लाख डॉलर का भुगतान करने का वादा करने के बाद शीर्ष अदालत ने एयरलाइंस को लिक्विडेशन से वापस ले लिया था। पिछले साल मई में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के अनुसार, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने समर्थन दिया था, स्पाइसजेट को प्रत्येक महीने की 15 तारीख तक पांच लाख डॉलर की राशि का भुगतान करना होगा।
सुनवाई के बाद स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट पिछले आदेशों के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए अगले छह महीने में 30 लाख डॉलर का बकाया भुगतान करने के उसके प्रस्ताव से सहमत हो गया है।
00