रायपुर छत्तीसगढ़ को आयुष्मान भारत योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। छत्तीसगढ़ को यह तीनों राष्ट्रीय पुरस्कार बड़े राज्यों की श्रेणी में आयुष्मान भारत योजना के तहत सेवाएं प्रदान करने में लैंगिक समानता, राज्य को आबंटित राशि का शत-प्रतिशत उपयोग और राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक परिवारों में कम से कम एक आयुष्मान कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि की सराहना की है और आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन से जुड़े प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य योजनाओं को जनोन्मुख बनाने के प्रयासों का ही यह परिणाम है कि राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर यह गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में बीते 5 सालों में आम जनता को सहजता से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ करने के लिए अनेक अभिनव योजनाएं संचालित की गई, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। मुख्यमंत्री हॉट-बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से राज्य के सुदूर वनांचल इलाकों तक लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हुई हैं। इसके माध्यम से अब तक लगभग एक करोड़ 40 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच व उपचार के साथ-साथ उन्हें निःशुल्क दवाएं दी गई हैं। राज्य में 1814 हॉट-बाजारों में नियमित रूप से मोबाइल मेडिकल यूनिट में डॉक्टरों की टीम पहुंचकर जरूरतमंद ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच एवं इलाज कर रही हैं।
इसी तरह मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से नगरीय इलाकों में लोगों को घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो रही है। दाई-दीदी क्लीनिक छत्तीसगढ़ सरकार की एक अभिनव योजना है, जिसके माध्यम से महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य जांच एवं उपचार की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। दाई-दीदी क्लीनिक में चिकित्सक से लेकर पैरामेडिकल टीम में महिलाएं होती हैं, ताकि महिलाओं और किशोरी बालिकाओं का इलाज कराने में किसी भी तरह की झिझक न हो। छत्तीसगढ़ एक मात्र राज्य है जहां गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सर्वाधिक 25 लाख रूपए की मदद मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत दी जा रही है। श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना के माध्यम से राज्य के लोगों को एमआरपी पर 50 से 72 प्रतिशत छूट पर गुणवत्तापूर्ण दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस योजना के चलते दवा खरीदी पर लोगों को अब तक 129 करोड़ रूपए की छूट मिली है।