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आम नागरिकों के लिए सी-विजिल एप्प होगा अमोघ अस्त्र

by Bhupendra Sahu

रायपुर। विधानसभा निर्वाचन 2023 में उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए आम नागरिक भी सी-विजिल फोन एप्प के माध्यम से डराने, धमकाने या प्रलोभन देने की शिकायतें सीधे भारत निर्वाचन आयोग को कर सकेंगे। इस बार साफ-सुथरे, निर्विवाद और पारदर्शी चुनाव के लिए सी-विजिल एप्प आम नागरिकों के मोबाईल फोन पर अमोघ अस्त्र के रूप में इंस्टाल रहेगा। निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन या किसी राजनैतिक दल और प्रत्याशी द्वारा मतदाताओं को डराने, धमकाने या पैसा, शराब, सामग्री बांटकर अपने प़क्ष में मतदान के लिए मजबूर करने की शिकायतें करने के लिए सी-विजिल मोबाइल एप्प का निर्माण कराया गया है। एप्प को बिना किसी परेशानी के संचालित होने के लिए सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होगी। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के लिए चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह एप्प मतदाताओं के लिए एक्टिवेट हो गया है । लोग इसे गुगल एप्प स्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड कर सकेंगे। मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद मोबाइल नंबर डालकर स्वयं पंजीकृत होना पड़ेगा।

विधानसभा निर्वाचन को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए आम नागरिकों को 24 घंटे निगरानी की सुविधा देने वाले इस एप्प से लोग घटनाओं के फोटो या वीडियो लेकर सीधे अपलोड कर सकेंगे। इस एप्प के माध्यम से लिए गये फोटो या वीडियो मोबाइल फोन में सेव नहीं होंगे बल्कि सीधे निर्वाचन आयोग कार्यालय या जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होंगे। निर्वाचन आयोग द्वारा इस प्रकार फोटो या वीडियो के रूप में मिली शिकायत पर 100 मिनिट की समय सीमा में कार्यवाही करेगा। एप्प के माध्यम से अधिकतम पांच मिनट के वीडियो बनाकर अपलोड किए जा सकेंगे। जीपीएस प्रणाली पर आधारित यह मोबाइल एप्प रजिस्ट्रेशन किए जाने वाले विधानसभा क्षेत्र में ही काम करेगा।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने बताया है कि मतदाताओं को डराने, धमकाने, प्रलोभन देने की शिकायत एवं सूचनाएं सी-विजिल एप्प के अलावा जिला नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 0771-2445785 के साथ-साथ टोल फ्री नंबर 0771-1950 पर भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ख के अनुसार निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद या वस्तु स्वरूप कोई पारितोष देता है या लेता है, तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों सजा से दंडनीय होगा। इसके अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ग के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी अभ्यर्थी या निर्वाचक अथवा किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट पहुंचाने की धमकी देता है। वह एक वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों सजा का भागीदार होगा। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान रिश्वत देने और लेने वाले दोनों के विरूद्ध मामले शिकायत या सूचना भारत निर्वाचन आयोग के सी-विजिल एप्प में भी किया जा सकता है।
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