नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक फ्रॉड के एक मामले में जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल और पांच अन्य के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने इस मामले में 538 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी जब्त की है। इससे पहले ईडी ने 31 अक्टूबर को नरेश गोयल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। यह मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये के फ्रॉड से जुड़ा है। इसी मामले में ईडी ने नरेश गोयल को 1 सितंबर को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
ईडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक मेसर्स जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई में 538.05 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की गई है। कुर्क की गई संपत्तियों में अलग-अलग कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर 17 आवासीय फ्लैट/बंगले और कॉमर्शियल कैंपस शामिल हैं। बता दें कि मेसर्स जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) के फाउंडर नरेश गोयल हैं। ईडी ने गोयल की पत्नी अनीता गोयल और बेटे निवान गोयल को भी आरोपी बनाया है।
ईडी ने केनरा बैंक की लिखित शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की है। इस मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर को आधार बनाकर ईडी ने जांच शुरू की। एफआईआर में केनरा बैंक की ओर से मेसर्स द्वारा धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक कदाचार के आरोप लगाए गए थे।
ईडी की जांच से पता चला कि जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड ने एसबीआई और पीएनबी के नेतृत्व वाले बैंकों से लिए लोन की हेराफेरी की। नरेश गोयल ने बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया। जेट एयरवेज के बैलेंस शीट में छेड़छाड़ की गई और प्रावधान करके ऋणों को बट्टे खाते में डाल दिया गया।
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