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भारत में विश्वगुरु बनने की क्षमता – अरुण साव

by Bhupendra Sahu

रायपुर गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में आज भारतीय विश्वविद्यालय संघ (मध्य क्षेत्र) के दो दिवसीय कुलपति समागम का समापन हुआ। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो. जी.डी. शर्मा ने समारोह की अध्यक्षता की। भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल और कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए।

कुलपति समागम के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के लिए भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा किए जा रहे कार्य प्रशंसनीय हैं। शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में संघ के योगदान से शिक्षा में एकरूपता और समानता आ रही है। उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति ने हमारी मानसिकता को कमजोर किया है। अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप विश्वविद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी। हम सभी जानते हैं कि भारत में विश्वगुरु बनने की क्षमता है। पिछले कुछ वर्षों में पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान एवं स्वीकार्यता बढ़ी है। भारत को देखने का दुनिया का नजरिया बदला है। वह दिन दूर नहीं, जब भारत फिर से विश्व गुरू कहलाएगा।

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