नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। फंड जुटाने की योजना की घोषणा के एक दिन बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 11 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई। बीएसई पर वोडाफोन आइडिया के शेयर 11.91 फीसदी की गिरावट के साथ 13.98 रुपये पर आ गए।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा कि वोडाफोन आइडिया का बहुप्रतीक्षित पूंजी जुटाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तत्काल नगदी सुनिश्चित करने और नेटवर्क के विस्तार को सुविधाजनक बनाने के लिए जरूरी है।
कंपनी पर 2.1 ट्रिलियन रुपये का कर्ज है। कंपनी के लिए वित्त वर्ष 2025-26 मुश्किल भरा होगा क्योंकि सालाना 430 अरब रुपये की किस्त देनी होगी।
यह वित्त वर्ष 2023-24 के 84 बिलियन रुपये के एबिटडा (कमाई) के मुकाबले चुनौतीपूर्ण दिखता है।
रिपोर्ट के अनुसार, कर्ज चुकाने के लिए जरूरी नकदी की महत्वपूर्ण मात्रा एआरपीयू में किसी भी वृद्धि से संभावित परिचालन वित्तीय लाभ के साथ भी इक्विटी धारकों के लिए सीमित अवसर छोड़ती है।
मौजूदा कम एबिटडा को देखते हुए बाहरी फंडिंग के बिना कर्ज चुकाना चुनौतीपूर्ण होगा।
फंड जुटाने के संबंध में पिछली 4-6 तिमाहियों में प्रबंधन के बयानों के अनुरूप, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) बोर्ड ने प्रमोटरों की भागीदारी के साथ 200 अरब रुपये तक के इक्विटी फंड जुटाने को मंजूरी दे दी है। इक्विटी और कर्ज दोनों को मिलाकर कुल फंड 450 अरब रुपये जुटाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, उम्मीद है कि अगली तिमाही में इक्विटी फंड जुटाया जाएगा। हालांकि, वित्त वर्ष 2026 में स्थगन समाप्त होने के बाद, कंपनी का वार्षिक दायित्व 430 बिलियन रुपये बनाम एबिटडा 84 बिलियन रुपये होगा, जो एक महत्वपूर्ण जोखिम पेश करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फंड जुटाने के पूरा होने पर, कंपनी के पास अपने 4जी नेटवर्क के विस्तार और 5जी तकनीक की तैनाती में निवेश करने की क्षमता होगी। शेयरधारकों की बैठक 2 अप्रैल को होगी और शेयरधारकों की मंजूरी के बाद, कंपनी को आने वाली तिमाही में इक्विटी फंड जुटाने को अंतिम रूप देने की उम्मीद है।
ब्रोकरेज ने कहा कि इन निवेशों की अनुपस्थिति ने वीआईएल के लिए जोखिम पैदा कर दिया, जिससे इसके प्रीमियम ग्राहकों का एयरटेल और रिलायंस जियो नेटवर्क में स्थानांतरण हो गया और वीआईएल की नेटवर्क क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। फंड (इक्विटी प्लस कर्ज) के निवेश से कंपनी के नेटवर्क बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।
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