एंग्जायटी और डिप्रेशन दोनों मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हैं. दोनों ही खतरनाक मानी जाती हैं. यही कारण है कि डॉक्टर हमेशा इनसे बचने और सावधान रहने के लिए कहते हैं. कई बार सामान्य उदासी और तनाव को लोग एंग्जायटी और डिप्रेशन मान लेते हैं, जो गलत है. क्या आप एंग्जायटी और डिप्रेशन में अंतर जानते हैं. अगर नहीं तो इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं दोनों के बीच का फर्क…
एंग्जायटी क्या होता है
यह एक तरह का ऐसा मेंटल डिसऑर्डर होता है, जिसे चिंता, डर या आशंका से जोड़कर डॉक्टर देखते हैं. छोटी सी भी बात पर एकदम से घबरा जाना और बेचौन हो जाना इसके लक्षण होते हैं. इसके अलावा किसी चीज से डरना और उसे सोच-सोचकर तनाव महसूस करना, दिल की धड़कनों का बढऩा, ओवरथिंकिंग एंग्जायटी होता है. ऐसी स्थितियां होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए.
एंग्जायटी के लक्षण
* समय-समय पर बेचैनी
* चिड़चिड़ापन
* मांसपेशियों में तनाव
* ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
* दिल की धड़कनें बढऩा
* अधिक पसीना आना
* कांपना और सांस लेने में दिक्कतें
डिप्रेशन क्या होता है
डिप्रेशन यानी अवसाद मूड से जुड़ा डिसऑर्डर है, जिसकी चपेट में आने पर इंसान हमेशा उदास रहता है, किसी काम में मन नहीं लगता है. वो काम भी बुरे लगने लगते हैं, जो कभी बहुत ज्यादा पसंद आते थे. इसे एंग्जायटी से ज्यादा खतरनाक माना जाता है. अगर इसका सही समय पर इलाज न करवाया जाए तो स्थिति बिगड़ सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गंभीर मामलों में डिप्रेशन का शिकार व्यवक्ति सुसाइड तक की सोचने लगता है. डिप्रेशन मौत का कारण भी बन सकता है.
डिप्रेशन के लक्षण
* लगातार उदास रहना
* थकान, भूख या वजन में बदलाव
* नींद में गड़बड़ी, अपराध की भावना
* ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
* सुसाइड का ख्याल मन में आना
००