Home » वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया नारायणपाल मंदिर की वस्तुकला देखकर प्रभावित हुए

वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया नारायणपाल मंदिर की वस्तुकला देखकर प्रभावित हुए

by Bhupendra Sahu

रायपुर केंद्रीय वित्त आयोग का दल आज जगदलपुर पहुंचने के बाद बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा विकासखंड में स्थित नारायणपाल मंदिर का अवलोकन करने पहुंचा। वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया मंदिर की वस्तुकला देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्होंने मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली, जिस पर स्थानीय गाइड श्री धनुर्जय बघेल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर चक्रकोट के छिंदक नागवंशी शासकों द्वारा 11वीं शताब्दी में बनाया गया है, क्षेत्र के नागरिकों में मंदिर के प्रति गहरी आस्था है, नारायणपाल मंदिर वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है। इस दौरान सदस्यों ने मंदिर में दर्शन कर समूह फोटो भी खिंचवाई।

11वीं शताब्दी के वास्तु शिल्प का उत्कृष्ट उदाहरण है नारायणपाल मंदिर

11वीं शताब्दी के वास्तु शिल्प का उत्कृष्ट उदाहरण है नारायणपाल मंदिर

ज्ञात हो कि चक्रकोट के छिंदक नागवंशी शासकों द्वारा निर्मित पूर्वाभिमुख यह प्रस्तर मन्दिर मध्यम ऊँचाई की जगति पर अवस्थित वस्तुतः शिव मन्दिर है। किन्तु परवर्ती काल में इस मन्दिर के गर्भगृह में विष्णु की प्रतिमा प्रतिष्ठापित कराई गई, जिसके कारण इसे अतीत में नारायण मन्दिर कहा जाने लगा। मंदिर की भू-संयोजना में अष्टकोणीय मण्डप, अन्तराल एवं गर्भगृह की व्यवस्था है, मंदिर का द्वार अलंकृत एवं बेसर शैली का सप्तस्थ योजना का उच्च साधारण शिखर है। मंदिर में प्रदक्षिणापथ का अभाव है। इस मंदिर में दो शिलालेख सुरक्षित हैं जिसमें प्रथम शंक संवत् 1033 (ईस्वी सन् 1110) के छिंदक नागवंशीय शासक सोमेश्वर की माता गुण्ड महादेवी का शिलालेख है, जिसमें भगवान नारायण की नारायणपुर नामक ग्राम तथा भगवान लोकेश्वर को कुछ भूमि दान करने का उल्लेख है जबकि दूसरे एक खण्डित शिलालेख में अदेश्वर (शिव) के मन्दिर का उल्लेख है। यह मन्दिर 11वीं शताब्दी के वास्तु शिल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के विभिन्न हिस्सों में शिलालेख भी हैं जिस पर संस्कृत के शब्द उकेरे गए हैं।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More