नई दिल्ली । प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) ऑटो स्कीम की मदद से इस साल मार्च तक देश में 30,000 से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। केंद्रीय भारी उद्योग इंडस्ट्री मंत्री एचडी कुमारस्वामी के मुताबिक, पीएलआई ऑटो स्कीम में 74,850 करोड़ रुपये का निवेश आया है और इसमें से 17,896 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है। राष्ट्रीय राजधानी में हुए सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के एक इवेंट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ऑटोमोबाइल, ऑटो इंडस्ट्री और एडवांस सेल केमिस्ट्री सेक्टर की वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।
कुमारस्वामी ने कहा कि मंत्रालय की ओर से घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग को टिकाऊ उन्नत तकनीकों आदि को बढ़ावा देने के लिए 2,938 करोड़ रुपये का समर्थन दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से ईवी सेक्टर के लिए लाई गई पीएलई स्कीम के तहत 74 कंपनियों से आवेदन मिले हैं। इसमें से 50 को मूंजरी दे दी गई है और 24 आवेदन को रिव्यू के लिए रखा गया है।
पीएलआई स्कीम के तहत ऑटो कंपनियां सरकार से वार्षिक सेल्स के आंकड़े पर 13 से 15 प्रतिशत की सब्सिडी ले सकती हैं। इससे कंपनियों को बिक्री बढ़ाने में मदद और नई टेक्नोलॉजी में निवेश के कारण उच्च लागत को भी कम करने में मदद मिल रही है।
सरकार की ओर से ऑटो सेक्टर को बढ़ाने के लिए कई बड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें 18,100 करोड़ रुपये की एंडवास केमेस्ट्री सेल (एसीसी) स्कीम है। 778 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) और वैश्विक ईवी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए लाई गई एसएमईसी पहल है, जिसमें कंपनियों को कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार दो साल की अवधि में प्रोत्साहन के साथ फेम 3 के लिए 11,500 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस योजना में इलेक्ट्रिक बसों, तिपहिया और दोपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन होने की संभावना है।
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